Afghan Jalebi from Phantom
Afghan Jalebi from Phantom Lyrics in Hindi
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मखतूल जिगर (या बाबा )
कातिल है नज़र (या बाबा )
इक महाजबी (या बाबा )
इक नूरे नबी (या बाबा )
रब की रुबाई (या बाबा )
या है तबाही (या बाबा )
गर्दन सुराही (या बाबा )
बोली इलाही (या बाबा )
अफ़ग़ान जलेबी माशूक फरेबी
घायल है तेरा दीवाना
भई वाह भई वाह
बन्दूक दिखा दिखा के क्या प्यार करेगी
चेहरा भी कभी दिखाना
भई वाह भई वाह
अफ़ग़ान जलेबी माशूक फरेबी
घायल है तेरा दीवाना
भई वाह भई वाह
बन्दूक दिखा दिखा के क्या प्यार करेगी
चेहरा भी कभी दिखाना
भई वाह भई वाह
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ओ........
देख दराज़ी (वल्ला )
बंदा नमाज़ी (वल्ला )
खेल के बाज़ी (वल्ला )
खामखा......
अब ठहरा ना किसी काम का
(वल्ला )(वल्ला )
मीर का कोई (वल्ला )
शेर सुना के (वल्ला )
घूंट लगा के (वल्ला )
जाम का........
मैं रहा खान महज़ नाम का
लखते जिगर (या बाबा )
ओए नूरे नज़र (या बाबा )
इक तीर है तू (या बाबा )
मैं चाक ज़िगर (या बाबा )
बंदों से नहीं तो अल्लाह से डरेगी
वादा तो कभी निभाना
भई वाह भई वाह...
बन्दूक दिखा दिखा के क्या प्यार करेगी
चेहरा भी कभी दिखाना
भई वाह भई वाह भई वाह भई वाह भई
ख्वाजा जी के पास तेरी चुगली करूंगा
मैं तेरी चुगली करूंगा
हाँ तेरी चुगली करूंगा
अंगूठी में कैद तेरी ऊँगली करूंगा
मैं तेरी चुगली करूंगा
हाँ तेरी चुगली करूंगा
ख्वाजा जी के पास तेरी चुगली करूंगा
मैं तेरी चुगली करूंगा
हाँ तेरी चुगली करूंगा
अंगूठी में कैद तेरी ऊँगली करूंगा
मैं तेरी चुगली करूंगा
हाँ तेरी चुगली करूंगा
गुले गुलज़ार (या बाबा )
मेरे सरकार (या बाबा )
बड़े मंसूर (या बाबा )
तेरे रुखसार (या बाबा )
हाय........
शमशीर निगाहें
चाबुक सी अदाएं
नाचीज़ पे ना चलाना
भई वाह भई वाह
बन्दूक दिखा दिखा के क्या प्यार करेगी
चेहरा भी कभी दिखाना
भई वाह भई वाह
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